प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों के इस सम्मेलन को 'रिफॉर्म एक्सप्रेस' की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि देश अब अगली पीढ़ी के सुधारों का साक्षी बन रहा है और इस एक्सप्रेस का सबसे शक्तिशाली इंजन भारत का युवा वर्ग और हमारी डेमोग्राफिक हिस्सेदारी है।
1. डेमोग्राफी को 'मानव पूंजी' में बदलना
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि हमें अपनी विशाल जनसंख्या को केवल आंकड़ों के रूप में नहीं, बल्कि एक सशक्त 'मानव पूंजी' (Human Capital) के रूप में देखना चाहिए।
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युवा सशक्तिकरण: सम्मेलन के दौरान उच्च शिक्षा, कौशल विकास (Skill Development) और खेल जैसे क्षेत्रों पर गहन मंथन हुआ।
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सशक्तिकरण का मंत्र: पीएम ने कहा कि जब हमारी डेमोग्राफी सशक्त होगी, तभी विकसित भारत का सपना साकार होगा। इसके लिए उन्होंने नौकरशाही को प्रक्रियाओं को सरल बनाने और 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' के मंत्र को आत्मसात करने को कहा।
2. वैश्विक सेवा और विनिर्माण महाशक्ति
प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्य सचिवों से अपील की कि वे अपने-अपने राज्यों में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को केवल कागजों तक सीमित न रखें, बल्कि उसे धरातल पर उतारें।
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मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर: भारत को एक वैश्विक सेवा महाशक्ति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पीएम ने 'मेड इन इंडिया' को गुणवत्ता का पर्याय बनाने और 'जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट' (Zero Defect, Zero Effect) के सिद्धांत पर काम करने का आह्वान किया।
3. कृषि और खाद्य सुरक्षा: दुनिया का 'अन्न भंडार'
कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में दुनिया का खाद्य भंडार बनने की क्षमता है।
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उच्च मूल्य कृषि: उन्होंने पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर बागवानी, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसे उच्च मूल्य वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
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खाद्य निर्यातक: पीएम का विजन भारत को दुनिया के प्रमुख खाद्य निर्यातक देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करना है, जिससे किसानों की आय और वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ सके।
4. केंद्र-राज्य साझेदारी: 'टीम इंडिया' का जज्बा
सम्मेलन का एक मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच की दूरी को कम करना था। पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य तभी हासिल होगा जब केंद्र और राज्य एक 'टीम इंडिया' के रूप में काम करेंगे। उन्होंने राज्यों से नवाचार (Innovation) को बढ़ावा देने और जन भागीदारी (Public Participation) के जरिए सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने का आग्रह किया।
निष्कर्ष
मुख्य सचिवों का यह सम्मेलन 2026 की शुरुआत से पहले भारत की प्रशासनिक मशीनरी को नई ऊर्जा देने वाला रहा। प्रधानमंत्री का संबोधन यह साफ करता है कि आने वाले वर्षों में सरकार का पूरा ध्यान युवा शक्ति, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन और कृषि विविधीकरण पर होगा। 'रिफॉर्म एक्सप्रेस' अब पटरी पर है, और इसकी सफलता राज्यों के सक्रिय सहयोग पर निर्भर करेगी।